Hall-e-Dil

हम दिल के सच्चे जज़्बात लिखते हैं 
अपनी नहीं सबके दिल की बात लिखते है 
1.दिल के जज़्बात..(Part-1)

1.मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर….
क्या खबर थी की रग रग मे समां जाओगे तुम….
2.खूबसूरत चेहरे से “नकाब” क्या उतरा…,
“जमाने भर की नीयत ” बेनकाब” हो गयी…!!!
3.जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में,
उनकी यादें कसम से कमाल की होती हैं..!!
4.स्क्रीन टच कर चले जाएं हजारो मिली,
मैं उसे ढ़ूंढ़ रहा था जो दिल टच कर जाए !!

2.दिल के जज़्बात..(Part-2)
1.जब तक प्यार में पागलपन ना हो
तब तक वो प्यार नहीं है.
2.सारे ताबीज गले में पहन कर देख लिए
 आराम तो बस तेरे दीदार से ही मिला !
3.सच्चे प्यार की happy ending नहीं होती….
क्योंकि उसकी तो कोई ending ही नहीं होती.
4.जितना मुश्किल किसी को पाना मुश्किल होता हैं
उससे भी ज्यादा मुश्किल उसे भूलना होता हैं
5.जहर से खतरनाक है यह मोहब्बत,
जरा सा कोई चख ले तो मर मर के जीता है!

3.कैसे बताऊँ मैं तुम्हें मेरे लिए तुम कौन हो...
कैसे बताऊँ मैं तुम्हें
मेरे लिए तुम कौन हो कैसे बताऊँ
तुम धड़कनों का गीत हो
जीवन का तुम संगीत हो
तुम ज़िन्दगी तुम बंदगी
तुम रौशनी तुम ताज़गी
तुम हर ख़ुशी तुम प्यार हो
तुम प्रीत हो मनमीत हो
तुम ज़िन्दगी तुम बंदगी
तुम रौशनी तुम ताज़गी
तुम हर ख़ुशी तुम प्यार हो
शीशे के जैसा अंग है
फूलों के जैसा रंग है
नदियों के जैसी चाल है
क्या हुस्न है क्या हाल है
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